अर्जेंटीना ने खत्म किया फीफा विश्व कप पर 16 साल से यूरोप का दबदबा

अर्जेंटीना ने खत्म किया फीफा विश्व कप पर 16 साल से यूरोप का दबदबा

अर्जेंटीना की टीम फीफा विश्व कप 2022 की चैंपियन बन गई है। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले चर्चाओं का बाजार गर्म था कि इस बार यूरोपियन दबदबा टूटेगा या नहीं। पिछले 16 सालों से यूरोपीय देशों ने फीफा विश्व कप पर अपना एकाधिकार जमा रखा था। 2002 में अंतिम बार यूरोप से बाहर दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील विश्व चैंपियन बना था और 2006 विश्व कप तक चैंपियन रहा था। 2006 से लेकर 2022 तक यूरोपीय देश ही फीफा विश्व कप चैंपियन रही।

तब से यूरोपीय देशों ने हर विश्व कप में खिताब के प्रबल दावेदार बनने के बावजूद ब्राजील और अर्जेंटीना को फीफा विश्व ट्रॉफी से दूर रखा था। कतर में जब नेमार और लियोनल मेसी की अगुआई में ब्राजील और अर्जेंटीना अपनी दावेदारी पेश करने उतरी थी तो दोनों देशों के सामने 16 साल से चले आ रहे यूरोपियन दबदबे को तोड़ने की चुनौती थी।

ब्राजील की टीम तो क्वार्टर फाइनल में क्रोएशिया से हारकर बाहर हो गई, लेकिन मेसी ने इस उम्मीद को टूटने नहीं दिया। उन्होंने एक दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना को चैंपियन बनाकर ही दम लिया। अर्जेंटीना ने फ्रांस को हराने के साथ ही 2018 की हार का बदला ले लिया। 2018 फीफा वर्ल्ड कप के प्री क्वार्टर फाइनल में फ्रांस ने अर्जेंटीना को 4-3 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था।

सर्वाधिक पांच बार (1958, 1962, 1970, 1994, 2002) के विश्व चैैंपियन ब्राजील और इस विश्व कप से पहले दो बार खिताब जीतने वाले अर्जेंटीना (1978, 1986) इस बार भी जीतने के प्रबल दावेदारों में थी। हालांकि, तेज तर्रार और आक्रामक फुटबॉल खेलने वाली अर्जेंटीना की टीम रक्षात्मक और तकनीकि फुटबॉल खेलने वाले यूरोपीय देशों से आगे निकल गई और तीसरी बार खिताब अपने नाम किया।

ब्राजील और अर्जेंटीना के अलावा उरुग्वे तीसरा दक्षिण अमेरिकी देश है, जिसने फीफा विश्व कप जीता है। फीफा विश्वकप का पहला विजेता भी उरुग्वे 1930 में बना था। 1950 में भी उसने मेजबान ब्राजील को एक लाख 45 हजार दर्शकों के बीच मरकाना स्टेडियम में 2-1 से हराकर न सिर्फ विश्व खिताब जीता बल्कि उस दौरान का सबसे बड़ा उलटफेर भी किया। हालांकि, इस बार उरुग्वे की टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी।