भारत के लिए खासतौर पर बनाया गया नेटवर्किंग प्लेटफार्म "खुल के" हुआ लांच

भारत के लिए खासतौर पर बनाया गया नेटवर्किंग प्लेटफार्म "खुल के" हुआ लांच

गांधी की जयंती के महत्वपूर्ण अवसर पर, एक नए भारतीय ऐप खुल के ने भारत के डिजिटल परिदृश्‍य के तिरंगे ताने-बाने में धमाकेदार ढंग से प्रवेश किया है।

इस ऐप को बनाने का उद्देश्य भारतीयों को खुलकर अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदान करना है। “खुल के” ऐप भारतीयों को एक-दूसरे से जुड़ने, घुलने-मिलने और सामूहिक लोकतंत्र में भागीदारी करने के तरीके में बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार है।

यह ऐप ऑडियो-विजुअल कंटेट तक पहुंच प्रदान करने के साथ सामुदायिक निर्माण की गतिविधियों में शामिल है। इस ऐप से आप अपनी तरह के विचार रखने वाले और उन्हें शेयर करने वाले लोगों से बातचीत कर सकते हैं। अपने टेस्टिंग के दौरान ही “खुल के” ऐप ने महीने दर महीने 10-15 प्रतिशत की दर से विकास किया है। इससे व्यापक नज़रिए के साथ सार्थक बातचीत को बढ़ावा मिल रहा है। “खुल के” ऐप देश के सामने ज्वलंत मुद्दों पर भारत के पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ शुरू की गई बातचीत और सभी की सार्थक भागीदारी से संपूर्ण इकोसिस्टम बनाने के मुद्दे पर अपनी चमकदार रोशनी बिखेरने के लिए तैयार है। पद्म पुरस्कार विजेता असल जिंदगी में सच्चे अर्थों में लोगों को प्रभावित करते हैं। उन्हें “खुल के” ऐप के माध्यम से महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार पेश करने के लिए सोशल मीडिया का आदर्श मंच प्रदान किया जा रहा है। उन्हें लिविंग लीजेंड और प्रेरणा देने वाले रोल मॉडल के रूप में सम्मान प्राप्त है। उनकी शोहरत और प्रतिष्ठा उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के इतिहास का प्रमाण है। अनोखे और शानदार इंटरव्यू के अनुभव को संजोने की अटूट प्रतिबद्धता के साथ “खुल के” ऐप इन प्रतिष्ठित पुरस्कार विजेताओं के असाधारण अनुभवों, उपलब्धियों और योगदान को समाज के सामने लाने का प्रयास करता है।

यह ऐप यूजर्स को पद्म पुरस्कार विजेताओं के उल्लेखनीय जीवन और समाज पर उनके अमिट प्रभाव के शानदार सफर का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता है। यह ऐप पद्म पुरस्कार विजेताओं और खुद महान विभूति महात्मा गांधी के सिद्धांतो की उत्कृष्टता और समाजसेवा के उनके कार्यों का एक जीता-जागता प्रमाण है। यह ऐप हम सभी को अपने देश के गुमनाम नायकों की पहचान करने और उनके कार्यों की सराहना करने के लिए प्रेरित करता है।